Mann Atisundar | 10March 2025 | Full Episode 594 Dangal TV
बोल भी नहीं रहा है, इनको कोई मुझे बताएगा की बात क्या है। ये सब लोग सिर्फ एक दूसरे की शक्ल देखते रहेंगे। बेटा ये लोग हमारे दूर के रिश्तेदार है।दूर के रिश्तेदार हैं ना तो रिश्तेदारों की तरह रहे, किसने इन्हे हक दिया की हमारे घर में आकर ऐसे पूजा करेंगे?
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किसने बुलाया इन लोगो को?
मुझे तो याद नहीं की हमने किसीको भी इन्वैट किया हो घर पे रिश्तेदार ही सही पर है।है तो हम इसी परिवार का हिस्सा का हिस्सा है तो इस परिवार
इस परिवार की सुख समृद्धि की रस्में करने का हक तो हमारा भी है। तो हमने सोचा क्नॉइसजब पंडित जी ने हमसे कहा ही है तो हमने कर दी रश्मि पूरी दादी ये इतने कॉन्फिडेंस से कह रहे हैं, लेकिन मैंने तो इन्हें आज से पहले कभी देखा भी नहीं।अभी तो हमे ये बात क्यूँ नहीं पता हम क्यूँ नहीं जानते इन्हें तुम ठीक कहे रहे हो गोलू ये हमारे दूर के रिश्तेदार है ना, तो इनसे बातचीत नहीं हो रही थी। इसके लिए तुम कैसे जानोगे इनको?
दादी के लोग यहाँ पर यज्ञ के लिए आए हैं। हाँ नहीं। राधिका यह मुझे मिलने के लिए आए थे। वो बहुत दिनों से हमारी मुलाकात नहीं हुई थी ना?
तो ये कुछ दिन मेरे साथ समय बिताएंगे और फिर चले जाएंगे। चले जाएंगे दादी हाँ, अब हम यहाँ से नहीं जाएंगे।कौन हैं ये लोग?
लगते क्या हैं?
हमारे कहा से आये हैं अब
अब तुम इतने बड़े हो गए, घर आये हर रिश्तेदार की तहकीकात करोगे?
माँ ने कहा ना ये लोग रिश्तेदार हैं पापा लेकिन माँ ने कहा ना रिश्तेदार हैं।और कुछ दिन ही रहेंगे बात खत्म और जब तक ये लोग यहाँ रहेंगे उनका मान सम्मान होना चाहिए। सब लोग मिलजुल के रहेंगे।गोलू इनको गेस्ट रूम दिखा दो, अभी अब हम गेस्ट रूम में रहेंगे।दूर के रिश्तेदार हो ना खुश रहो की तुम्हे दूर के गेस्ट रूम में नहीं रख रहे है घर में रख रहे है जाओ और अपना सामान लेके आओ वैसे आपका सामान किधर है बहार ले आओ सुरेश।नौकर नहीं हैं, तुम्हारे जाओ और सामान लेके आओ, मेहमान हैं सामान लेकर आओ नहीं तो मैं और जग्गू जाकर लेकर आते हैं।गोलू जाओ, चलते भी हम
खुश रहो, जीती रहो सदा।सुहागन रहो का आशीर्वाद नहीं देंगी माँ जी जीती रहो, सदा सुहागन रहो।कुछ तो अजीब है। वैसे तो हमारे यहाँ हर रिश्तेदार का बहुत आदर सत्कार होता है, फिर ये कौन से रिश्तेदार हैं जिनके आने से किसी को खुशी नहीं हुई है बल्कि सबके चेहरे पर चिंता की रेखाएं नजर आ रही हैं।शांत हो जाईये इतना गुस्सा मत कीजिये आप हैरान हूँ मैं राधिका कौन है?
ये लोग कौन से रिश्तेदार है?
जीसको ना मैं जानता हूँ ना गोलू भैया जानते है किसी ने कभी नहीं देखा इनको और घर वाले भी कोई कुछ बोल नहीं रहा है उनको, लेकिन सब लोग के चेहरे उतरे हुए है।हाँ जगन जी, हमे भी उनका बर्ताव अजीब सा लग रहा है। अजीब अजीब तो हमारे घरवालों का बर्ताव है, तुमसे देखा पापा ने मुझे चुप करवा दिया। उन लोगो के लिए कौन है?
ये लोग कहा के रिश्तेदार है हमारे ऐसे बर्ताव कर रहे थे जैसे।ये लो हमारे घर पे नहीं हम लोग इनके घर पे आयेंगे जी बस कीजिए, शांत हो जाइए इतना परेशान मत होइए शायद हम लोग ही इनके बारे में कुछ ज्यादा सोच रहे हैं और वैसे भी इतनी जल्दी ना किसी के बारे में भी है।हमें सही या गलत धारणा नहीं बनानी चाहिए। मुझे गलत धारणा वारना के बारे में कुछ नहीं पता। राधिका लेकिन इतना जरूर पता है कि इन लोगों के लिए ना ना तो मेरी सोच बदलने वाली है, ना ही मेरा बिहेव्यर अच्छा ठीक है आप शांत हो जाइए, सबसे पहले ना
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