
मिलिपुर उपचुनाव: मिल्कीपुर में ब्राह्मण-यादव मतदाता साबित होंगे तुरुप का पत्ता
मिलिपुर उपचुनाव: मिल्कीपुर में ब्राह्मण-यादव मतदाता साबित होंगे तुरुप का पत्ता, क्या है राजनीतिक समीकरण?
मिलिपुर उपचुनाव मिल्कीपुर में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। सपा और भाजपा दोनों ने ही पासी जाति से प्रत्याशी उतारे हैं। अनुसूचित जाति के मतदाताओं में विभाजन हुआ तो यादव मतदाता और पिछड़ी जातियों में सवर्ण खासकर ब्राह्मण मतदाता तुरुप का पत्ता बन सकते हैं। इनका समर्थन पाने के लिए सपा और भाजपा में होड़ मची हुई है।

1/ मिलिपुर उपचुनाव में ब्राह्मण और यादव मतदाता अहम भूमिका निभाएंगे
2/ आरक्षित होने से पहले इस सीट से चार बार ब्राह्मण और नौ बार यादव प्रतिनिधि चुने गए थे
प्रहलाद तिवारी, अयोध्या। मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र भले ही आरक्षित सीट है, लेकिन यहां का परिणाम ब्राह्मण और यादव मतदाताओं के हाथ में रहेगा। दोनों जातियों के मतदाता जिस पार्टी की ओर रुख करेंगे, उसकी जीत तय है। यही वजह है कि दोनों राजनीतिक दल ब्राह्मण और यादव मतदाताओं को सहेजने में लगे हुए हैं। दोनों बिरादरी के मतदाताओं की महत्ता इसी से समझी जा सकती है कि आरक्षण से पहले 1967 से 2007 तक चार बार ब्राह्मण और नौ बार यादव प्रतिनिधि चुने गए। मिल्कीपुर में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। सपा और भाजपा दोनों ने ही पासी जाति से प्रत्याशी उतारे हैं। अनुसूचित जाति के मतदाताओं में विभाजन की स्थिति में पिछड़े वर्ग में यादव मतदाता और सवर्ण खासकर ब्राह्मण मतदाता तुरुप का इक्का बन सकते हैं। इनका समर्थन पाने के लिए सपा और भाजपा में होड़ लगी रहती है। पासी बिरादरी के बाद सर्वाधिक मतदाता ब्राह्मण हैं, जिनकी संख्या 60 हजार से अधिक है।
भाजपा और सपा ने इस बिरादरी को अपने साथ जोड़ने का प्रयास किया है। यादव मतदाताओं की संख्या करीब 50 हजार बताई जाती है। शुक्रवार को मिल्कीपुर के कोर वोटरों को लुभाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछड़े वर्ग खासकर यादव वोटरों में सेंध लगाने की जिम्मेदारी मिल्कीपुर में अब तक हुए दोनों उपचुनावों के विजेता रुदौली विधायक रामचंद्र यादव को दी है, जबकि ब्राह्मण वोटरों को लुभाने की जिम्मेदारी प्रमुख ब्राह्मण चेहरे पूर्व विधायक इंद्रप्रताप तिवारी खब्बू को दी है। भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी से ताल्लुक रखने वाले आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा, मेयर महंत गिरीश पति त्रिपाठी, प्रथम मेयर ऋषिकेश उपाध्याय समेत कई ब्राह्मण विधायकों को मैदान में उतारा है, जबकि सपा भी पीछे नहीं है।