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डीपसीक कैसे ओपनएआई और एनवीडिया के लिए चुनौती बन गया, क्यों डरे हुए हैं पावर-चिप इंडस्ट्री के दिग्गज

डीपसीक कैसे ओपनएआई और एनवीडिया के लिए चुनौती बन गया, क्यों डरे हुए हैं पावर-चिप इंडस्ट्री के दिग्गज

चीन का डीपसीक एआई डीपसीक का आर1 मॉडल ओपनएआई के चैटजीपीटी और दूसरी एआई कंपनियों को चुनौती दे रहा है। इस मॉडल को सस्ता, किफायती और दक्षता में बेहतरीन बताया जा रहा है। डीपसीक क्या है, इसकी खासियत क्या है? डीपसीक की वजह से टेक कंपनियां क्यों चिंतित हैं और एनवीडिया के शेयर क्यों गिर रहे हैं? डीपसीक और इसके चैटबॉट से जुड़े सभी सवालों के जवाब यहां पढ़ें

 

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HighLights

1/डीपसीक ने अपना एआई मॉडल 6 मिलियन डॉलर में बनाया है।

2/डीपसीक के एआई चैटबॉट 90-95 फीसदी किफायती हैं।

3/यह 92 फीसदी समस्याओं और कार्यों को पूरा करने में सक्षम है।

4/चैटजीपीटी-4 की दक्षता सिर्फ 78 फीसदी रही है।

नई दिल्ली।

इन दिनों तकनीक या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में एक चीनी स्टार्टअप डीपसीक अपने लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) V3 और R1 के लिए चर्चा में है, जो चैटबॉट के ज़रिए अपने ग्राहकों को सेवाएँ देता है।

डीपसीक के इन दो LLM को गुणवत्ता और लागत के मामले में अमेरिकी कंपनियों- ओपनएआई के चैटजीपीटी, माइक्रोसॉफ्ट के कोपायलट, मेटा के लियामा और गूगल जेमिनी से बेहतर बताया जा रहा है।

डीपसीक क्या है, इसकी खासियत क्या है? डीपसीक की वजह से टेक कंपनियाँ क्यों चिंतित हैं और एनवीडिया के शेयर क्यों गिर रहे हैं? डीपसीक और इसके चैटबॉट से जुड़े सभी सवालों के जवाब यहाँ पढ़ें

 

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डीपसीक क्या है

डीपसीक चीन के दक्षिण-पूर्वी शहर हांग्जो में स्थित है। मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म सेंसर टॉवर के अनुसार, डीपसीक की स्थापना जुलाई 2023 में की गई थी। इसके संस्थापक लियांग वेनफेंग हैं, जिन्होंने हेज फंड के ज़रिए पैसे जुटाकर डीपसीक की शुरुआत की थी। वेनफेंग एक सूचना और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर हैं। वेनफेंग एक हेज फंड मैनेजर भी रह चुके हैं।

डीपसीक में एलएलएम मॉडल हैं। वी3 दिसंबर 2024 में और आर1 10 जनवरी 2025 को लॉन्च होगा। इन दिनों आर1 अपनी कम लागत और दक्षता के कारण चर्चा में है।

डीपसीक का कहना है कि उसने आर1 को तैयार करने और प्रशिक्षित करने में केवल 6 मिलियन डॉलर यानी करीब 52 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। जबकि ओपनएआई, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा या अन्य कंपनियों ने अपने चैटबॉट तैयार करने में अरबों डॉलर खर्च किए हैं।

 

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डीपसीक की खासियत क्या है?

इसकी गुणवत्ता काफी बेहतर है और लागत काफी कम है।

यह मॉडल गणित, कोडिंग और सामान्य ज्ञान से जुड़े कार्यों के लिए काफी कारगर है।

यह 90-95 प्रतिशत अधिक किफायती है और इसके लिए कम महंगे हार्डवेयर की आवश्यकता होती है।

विभिन्न समस्याओं और कार्यों को पूरा करने में इसका स्कोर 92 प्रतिशत रहा है, जबकि चैटजीपीटी-4 का स्कोर 78 प्रतिशत है।

इसे एनवीडिया की एच800 चिप का उपयोग करके बनाया गया है, जो एक मिड-रेंज चिप है।

डीपसीक का एआई ऐप इसकी वेबसाइट और ऐप्पल स्टोर पर उपलब्ध है।

यह सेवा निःशुल्क है और एप्पल के स्टोर पर सबसे तेजी से डाउनलोड किया जाने वाला ऐप बन गया है।

Nvidia के शेयर क्यों गिर रहे हैं?

Nvidia दुनिया की सबसे बड़ी AI चिप निर्माता कंपनी है। DeepSeek ने बहुत सस्ती चिप का उपयोग करके अपना AI मॉडल बनाया है। इसके कारण दुनिया में महंगी चिप्स की मांग में कमी आने की संभावना है। इसके अलावा DeepSeek ने Nvidia के मुख्य प्रतिद्वंद्वी AMD के साथ हाथ मिलाया है।

इससे DeepSeek को अधिक शक्तिशाली और कुशल AI मॉडल बनाने में मदद मिल सकती है। DeepSeek के R1 के लॉन्च होने के बाद Nvidia के शेयर लगातार गिर रहे हैं और कंपनी का बाजार पूंजीकरण 600 बिलियन डॉलर से अधिक गिर गया है।

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OpenAI क्यों खतरे में है?

OpenAI ने महंगे हार्डवेयर का उपयोग करके अपना AI मॉडल ChatGPT बनाया है, जबकि DeepSeek महंगे हार्डवेयर पर निर्भर नहीं है। DeepSeek का R1 ChatGPT से बेहतर बताया जा रहा है।

ओपनएआई के पास चार हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं, जबकि 200 कर्मचारियों की टीम के साथ डीपसीक ने ऐसा उत्पाद बनाया है, जिसने तकनीक की दुनिया में हलचल मचा दी है। डीपसीक के आर1 के लॉन्च के बाद ओपनएआई ने 01 मॉडल लॉन्च किया है। डीपसीक का चैटबॉट सभी के लिए उपलब्ध है, जबकि ओपनएआई का 01 मॉडल अभी सभी के लिए उपलब्ध नहीं है। ओपनएआई की तुलना में यह कितना किफायती है? ओपनएआई के 01 मॉडल का इस्तेमाल करने की फीस 15 डॉलर प्रति 1 मिलियन इनपुट टोकन है। वहीं डीपसीक के आर1 की फीस 0.55 डॉलर प्रति 1 मिलियन इनपुट टोकन है।

किसी भी एलएलएम को अपनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए शब्दों, अक्षरों के सेट, विराम चिह्नों और वाक्यों आदि की जरूरत होती है। जब हम चैटबॉट से लिखित में कुछ पूछते हैं, तो यह हमारी लिखित जानकारी को छोटी-छोटी इकाइयों में बांट देता है। इन्हें टोकन कहते हैं। क्या पावर सेक्टर के शेयर भी प्रभावित हो रहे हैं? एआई मॉडल को ठीक से काम करने के लिए बहुत ज्यादा पावर की जरूरत होती है। एक आंकड़े के मुताबिक, चैटजीपीटी एक सर्च रिक्वेस्ट के लिए गूगल सर्च की तुलना में करीब 10 गुना ज्यादा बिजली की खपत करता है।

डेटा सेंटर इन दिनों बिजली के बड़े उपभोक्ता हैं और उन्हें सप्ताह के सातों दिन, 24 घंटे बिजली की जरूरत होती है। गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल दुनिया भर में कुल बिजली खपत में डेटा सेंटर की हिस्सेदारी 1-3 फीसदी है, जिसके 2030 तक 3-4 फीसदी होने की उम्मीद है। यही वजह है कि निवेशक पावर सेक्टर पर दांव लगा रहे थे। डीपसीक का एआई मॉडल अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में काफी कम बिजली की खपत करता है। ऐसे में भविष्य में डेटा सेंटर के लिए अनुमानित बिजली खपत कम हो सकती है। इससे भारत समेत दुनिया भर के पावर सेक्टर के शेयरों में गिरावट आ रही है। डीपसीक सीधे तौर पर चीन से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दे रहा है।

 

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